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उपदंश (Syphilis) की तरह सुजाक (Gonorrhoea)भी एक यौन रोग है - सुजाक , जो की व्याभिचारी स्त्री-पुरुषों को तथा रोगी द्वारा उपयोग करे हुए पेशाब घर में पेशाब करने से भी हो जाता है, यह भी एक संक्रामक रोग है अतः अधिकतर उन्ही स्त्री-पुरुषों को होता है जो इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति से यौन संपर्क करते हैं।
सुजाक रोग में चूँकि लिंगेन्द्रिय के अंदर घाव हो जाता है और इससे पस निकलता है अतः इसे हिंदी में 'पूयमेह ' , औपसर्गिक पूयमेह और ' परमा ' कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में गोनोरिया (gonorrhoea ) कहते हैं।
पुरुषों में लक्षण:
सूजाक के मामले में पुरुषों में कई हफ्तों के लिए ध्यान देने योग्य लक्षण विकसित नहीं होते हैं। कुछ पुरुषों में इसके लक्षणों का विकास कभी नहीं हो पाता है। साधारण रूप से संचरण के एक हफ्ते बाद संक्रमण लक्षण दिखाना शुरू कर देता है। अक्सर पेशाब के दौरान जलन और दर्द होना पुरुषों में पहला प्रत्यक्ष लक्षण है। जैसे संक्रमण बढ़ता है, अन्य लक्षण भी इसमें शामिल हो जाते हैं -
1. बहुत बार पेशाब जाना
2. लिंग से एक मवाद जैसा पदार्थ डिस्चार्ज होना या टपकना (सफेद, पीला, मटमैला या हरा)
3. लिंग के छिद्र का सूजना या लाल होना
4. अंडकोष में सूजन या दर्द
5. गले में लगातार रहने वाली खराश
महिलाओं में लक्षण:
1. योनि से डिस्चार्ज (पानी जैसा, गाढ़ा या हल्का हरा) होना,
2. पेशाब के दौरान दर्द या जलन महसूस होना,
3. बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता,
4. मासिक धर्म में अत्यधिक रक्त स्राव होना,
5. गले में खराश,
6. सेक्स के दौरान दर्द होना,
7. पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द,
8. बुखार आदि।
उपरोक्त लक्षणों का इलाज होने के बाद भी कुछ हफ्तों तक संक्रमण शरीर में मौजूद रहता है। दुर्लभ उदाहरणों में, गोनोरिया शरीर को विशेष रूप से मूत्रमार्ग और अंडकोष को लगातार नुकसान पहुंचा सकता है। इससे मलाशय में दर्द भी हो सकता है।
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